Monday, July 8, 2024

अवसाद 

 राखी हालत की शिकार हुई और अवसाद से ग्रस्त हो गई। विशाल के साथ जब रिश्ते सही होते तब ,बाहर से खाना भी आ जाता अब ,अगर राखी बीमार भी है तो ,लो दवा खाओ और काम पर लगो।बड़ा बेटा पढ़ने दिल्ली चला गया ,छोटा माटी का माधो है ,पढ़ना नहीं चाहता। ठीक है कुछ काम कर लेगा। फिर लक्ष्मी जी की कृपा है तब ,काहे की चिंता। बड़े बेटे की नौकरी पुणे में लग गई है। राखी भी विशाल के साथ बीयर पी लिया करती थी लेकिन अब ,डॉक्टर ने मना किया है। 

बिस्तर पर पड़ी राखी सोचती है ,क्या विशाल को नहीं लगता अगर कोई गंभीर बीमारी हुई तो ,क्या होगा ? पेट में दर्द रहने लगा है ,टैस्ट हुए हैं साथ ही बायोप्सी भी कराई है। आठ दिन बाद विशाल को रिपोर्ट मिल गई है कि राखी को कैंसर है। विशाल ने बेटों और माँ को भी बता दिया है। राखी को लग रहा है कि विशाल मुझे जाते हुए देखना चाहते हैं ,राखी अपने पापों की गिनती करने में लगी है। कोई सहेली उसके साथ नहीं क्योंकि घर का क्लेश उसे अकेला छोड़ता ही नहीं था। अकेली कमरे में अंतिम समय का इन्तजार कर रही है।

 डॉक्टर कीमो थेरेपी देने की बात करते हैं तो ,विशाल ही मना कर देते हैं ,अब ,तो उसका भी समय निकल गया। राखी के पास कभी कोई पड़ोसन मिलने आ जाती है ,लेकिन राखी सत्य को समझ चुकी है ,अच्छा हुआ ,जल्दी ही विशाल से मुक्ति मिल जाएगी। क्या ,राखी भी यही सब विशाल के साथ कर पाती ? शायद हाँ ,क्योंकि हम एक दूसरे से ऊब चुके हैं। साथ नहीं रहना चाहते। बदजुबानी की इन्तहा हो चुकी है ,बच्चे कभी खुश नहीं रहे। वरना कोई बेटा तो ,माँ के पास बैठा होता। माँ -बाबा और बेटों तक ने नहीं कहा -माँ हम आपके बिना कैसे रहेंगे ? 

राखी जिन्दा होते हुए भी रोज मर लेती है। पहली मुलाकात खेल के मैदान पर हुई थी लेकिन राखी आज पारी हार गई है। पंचर बॉल सी मैदान के कौने में पड़ी है। 

रेनू शर्मा 
























  

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