Sunday, July 7, 2024

राम कली  

 सुन्दर तीखे नाक नक्श ,लम्बा कद ,सीधे पल्ले की धोती ,उम्र कोई पचास बरस ,लेकिन देखने में साथ बरस की लगती थी।सुबह सात बजे दरवाजे पर दस्तक देती है ,बाई साब !! जल्दी उठा करो ,रसोई में जाकर बर्तन उठाने लगती है। माथे तक घूँघट डाल कर काम करती है। बाई साब ! बर्तन में पानी डाल दिया करो ,हाँ बोलते ही अपने काम पर लग जाती है। हर कमरे की लाइट जला देगी काम होने पर यूँ ही छोड़ देगी ,ये उसका रोज का काम है।

लाइट बंद करो ,तो तुरंत बोल पड़ेगी बाई साब ! मेरा बिजली बिल सात सौ आया। बहू को होश ही नहीं रहता ,पंखा चलता रहता है। फिर जाने क्या राम कहानी सुनाती रहती है ,फिर भी यहाँ पंखे चलते छोड़ देगी। बाई साब ! वो आम वाली बाई साब ! का चपरासी बड़ा चालाक है ,मुझसे सीढ़ी साफ़ करने का बोल रहा था। मैंने मना कर दिया। पलटकर कभी नहीं देखती मैं ,कहाँ हूँ ,सुन रही हूँ या नहीं। उसे बोलने से मतलब। रामकली जब जाओ तो ,दरवाजा बंद कर देना ,हाँ बाई साब ! वो ,बारह नंबर वाली बाई साब के यहाँ कबाड़ी घुस गया था। 

कपडे धोने के लिए टब में डाल देगी ,ज्यादा सर्फ़ डालकर दूसरी जगह काम पर चली जाएगी ,उसे लगता है कि कपडे खुद ही साफ़ हो जायेंगे। उसे बताना पड़ेगा ये कपडा नहीं डालना रंग निकलेगा ,नहीं बता पाए तो सारे कपडे एक रंग में होना पक्का है। जब वापस आएगी तो पूछ लेगी -बाई साब ! पूजा पर हो या झूले पर विराजी हो ,बाई साब ! वो ,वर्मा मैडम के घर साब की जेब से पांच सौ का नोट निकला ,बाई साब को बता दिया तो सौ रूपये इनाम दिया देखो ये रहा। 

उसकी तारीफ करो तब शांत होती है। बाई साब ! गुप्ता मैडम की बाई तार पर पानी भरे कपडे डाल जाती है। हाँ लेकिन तुम तो ,मशीन चलाती हो। आप जब काशीफल की सब्जी बनाओ तो मुझे जरूर देना ,बहुत अच्छी बनती है। हमारे गांव में उद्ध्यापन करना है ,बीस औरतें आएँगी ,सबका खाना होगा ,पंद्रह हजार तो लग ही जायेगा। पूछा किसने कहा -ये सब करो तो बोली -गांव के पंडित ने कहा। धार्मिक काम काज के लिए पुरे पैसे लगा सकती है। 

एक दिन नई बाई को लाइ बोली -ये बर्तन करेगी ,आप पैसे की बात करलो ,मैंने कहा जो तुम लेती हो ,वही दूंगी। जादा मांग रही है तो क्यों रखना ? रामकली का आशय था अब ,पैसे बढ़ा दो। गर्मी शुरू हुई तो ,कूलर चाहिए आपके पास तीन हैं एक देदो। जब ,गर्मी कम हुई तब बोली -बाई साब ! कम पैसे दूंगी ,फिर थोड़े दिन बाद बोली बाई साब ! इतने दिन से काम कर रही हूँ ,कुछ गिफ्ट देदो। मैंने कहा -बेटे की शादी में पलंग दिया था भूल गई क्या ? नहीं ,चलो जाओ ,मत दो पैसे।

खुश होकर चली गई। मैंने ,छत झाड़ने के लिए बोला -तो बोली बाई साब ! दूसरी बाई अलग से पैसा लेती हैं। सुबह आती है तब ,से पूरी कॉलोनी की खबर देती है ,किसके घर क्या हो रहा ? ईशवर ने कामवाली के रूप में एक सच्ची इंसान दी है रामकली।

रेनू शर्मा   








 






















 








  

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