आखिरी रात
पुराने ,बरसों पुराने लेन -देन को
रूह से उसे ,समर्पित कर दिया।
दिल में स्पंदन होता था ,
मन का चक्र एक ओर ही घूमता था।
आगोश में आने की चाह ,
घुमड़ जाती थी ,इच्छा -अनिच्छा ,
राग -द्वेष में ,राग का गीत गाया जाता था।
रातों को सपने नहीं आने दिए ,
वो ,सौंदर्य का उपासक ,शब्दों का जाल
बुनता रहा ,पंछी जो चहका करते थे ,
दूर जंगलों में रवाना हो गए।
जाने कब ,आखिरी रात होगी ?
रूह से उसे ,समर्पित कर दिया।
दिल में स्पंदन होता था ,
मन का चक्र एक ओर ही घूमता था।
आगोश में आने की चाह ,
घुमड़ जाती थी ,इच्छा -अनिच्छा ,
राग -द्वेष में ,राग का गीत गाया जाता था।
रातों को सपने नहीं आने दिए ,
वो ,सौंदर्य का उपासक ,शब्दों का जाल
बुनता रहा ,पंछी जो चहका करते थे ,
दूर जंगलों में रवाना हो गए।
जाने कब ,आखिरी रात होगी ?
रेनू शर्मा
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