मेला देखना है
बिठली पहली बार सावन में माँ ,के घर आई थी। बड़ी खुश थी क्योंकि अभी ब्याह हुआ था। जब ,ब्याह नहीं हुआ था तब ,सावन के पहले सोमवार को शिवजी के मंदिर पर दिन भर चक्कर लगाती रहती थी। झूले झूलती ,माँ के लिए बिंदी ,फीता ,चुटीला लाकर देती थी। माँ ,पैसे देती थी ,उसे पता था बिठली !कभी फ़ालतू पैसा नहीं उड़ाएगी। माँ ,को घूँघट लगाकर रहना पड़ता था तो ,क्या मेला देखना ? माँ ,कभी नहीं गई।
छत पर बैठकर माँ ,रंग -बिरंगे झूले ,दुकानें ,लोगों को आते -जाते देखा करती थी। बिठली माँ ,के पास बैठी हंस रही थी ,माँ मेला देखने जाऊं क्या ? हाँ जा न ,बाबा से पैसे लेले। बिठली हंसती झूमती बैठक में शांत बैठे बाबा से बोली -बाबा पैसे दो , मेला जाना है ? बाबा जाने किस पिनाक में बैठे थे बोले जा , बाहर से मांग ला। बिठली माँ ,के पास गई ,आँखों में आंसू भरे थे। बाबा ने ऐसे क्यों कहा ? उन्हें क्या हुआ ?अभी तो ठीक थे। बिठली बाबा को बहुत प्यार करती थी। जब तक ,घर नहीं आ जाते भोले से खैरियत ही मांगती रहती थी।
बिठली की छोटी बहन जगती थी ,माँ ने कहा -देख मैं ! पैसे देती हूँ तू जा ,मेला देखने। नहीं माँ ! मैं तो यूँ ही ,बोल रही थी। हफ्ते भर रहकर बिठली ससुराल चली गई। एक टीस सी दिल में घुस गई। बिठली चार बरस माँ के पास नहीं जा पाई क्योंकि इस बीच बच्चे हो गए। बिठली उन्ही में रम गई। रामजी बिठली के पति को कुछ नहीं पता ,दीवाली पर बिठली माँ से मिलने गई। माँ अब ,बूढ़ी हो चली है। रामजी बिठली को छोड़कर चले गए ,हफ्ते भर बाद आएंगे। माँ ,बैठक में पंडित जी से पूछ रही थी -बताओ क्या बात हो रही थीं बिठली के बाबा से ? अरे ! कुछ नहीं ,बिठली की पत्री दिखाई हती ,ब्याह के समय तो ,बिठली बाबा के लें ,भारी बताई हती। अब ,तो उसका ब्याह भी हो गया ,तुम अपना थैला उठाओ और चलते बनो। आगे से कभी मत आना।
शर्म आनी चाहिए,पंडित बनते हो। माँ ,ने हमेशा के लिए पंडित को विदा कर दिया। माँ ,हमेशा बिठली से माफ़ी मांगती थी ,बेटा !! गलती हो गई ,बाबा हैं। माफ़ करदे। जगता की शादी में ,पहले से आना। रामजी को न बताना बिठली ! पति कभी भी उलाहना मार देते हैं। नहीं माँ ,आप परेशान मत होना। मेला देखना तो एक बहाना था ,असल में तो बिठली देखना चाहती थी बाबा उसे कितना मिस करते हैं। उसे लगा पूछेंगे ? कैसा चल रहा है ,नए घर में। लेकिन यहाँ तो बात ही बिगड़ गई। बिठली वापस आकर ब्याह में जाने की तैयारी कर रही है।
रेनू शर्मा
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