Friday, July 5, 2024

 माँ का प्यार 

  नेहा सोचती है कि निशा फोन करने का बोल रही थी ,तो क्या हुआ ? अभी तक फोन नहीं आया ,तभी फोन बज जाता है ,तुम अभी तक नहीं आई ,हाँ ,पुणे वाली मौसी आ गई थी तो खाना बनाने में वख्त लग गया।नेहा अभी पी एच. डी कर चुकी है लेकिन जॉब नहीं करना क्योंकि बच्चे छोटे हैं और जरुरत भी नहीं लगती ,नचिकेत के वेतन से काम चल जाता है।निशा एक स्कूल में टीचर है। सब कुछ ठीक है लेकिन पति सब कुछ माँ से पिरो देता है तो ,निशा परेशान हो जाती है। जब कभी ,नेहा के पास आकर अपना मन हल्का कर लेती है। 

शाम को घंटी बजती है ,निशा थी। नेहा ऊपर अपने कमरे में ले जाती है क्योंकि नीचे ससुर जी के दोस्त आये हैं। यार !! क्या करूँ ? अक्की को कुछ समझ नहीं आता ,सब कुछ माँ को बता देता है फिर माँ ,मुझसे झगड़ा करती है। कल तो अक्की ने कह दिया निशा अलग घर चाहती है फिर क्या था ? अगर मौसी नहीं आती तो ,मेरी शामत ही थी। अरे ! तुम बहुत अच्छी हो ,पति को ये बर्दास्त नहीं कि लोग तुम्हारी तारीफ़ करें। इसलिए वो अपना ध्यान माँ की तरफ कर देता है। सच तो ,यह है कि सही काम अक्की के कारण हुए और कुछ गलत हुआ तो ,तुम्हारे कारण। होते हैं कुछ लोग ऐसे। तुम माँ को समझा  दिया करो। 

माँ की नज़र में अच्छा बेटा बना रहना चाहता है और कुछ नहीं। बाद में पछताता भी होगा हाँ ,लेकिन तबतक तो ,झगड़ा हो चुका होता है। अब ,तुम अक्की से कोई बात मत करो ,जब बताना हो तब ,माँ से ही बात करो। सब  ठीक होगा। हाँ ,अब मैं ,चलती हूँ ,मौसी से मिलने आना। तुम्हें याद कर रही थीं। जरूर। पुरुष कभी भी रिश्तों की मर्यादा का ध्यान नहीं रखते। पत्नी को तो ,काम करने वाली और भोग्या ही समझते हैं। तभी तो ,माँ उनसे दूर नहीं हो पाती। दोनो का ध्यान रखो पर नहीं। निशा अब ,सोच समझकर अक्की से बात करती है। जॉब छोड़ने की धमकी जब से निशा ने दी है तब से ,माँ शांत रहती है। माँ का प्यार अब,बहु के लिए भी पनपता जा रहा है। 

रेनू शर्मा 





























  

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