Thursday, July 4, 2024

जैसे को तैसा 

  शोभा आँगन में ,चूल्हे पर रोटी बना रही है  ,लकड़ी भीगी होने के कारण आँखों से आंसू भी आ रहे हैं। आज जीजी और रानी ने उसे बहुत जली -कटी सुनाई है ,शोभा को ही बोला जाता तो बर्दास्त कर लेती लेकिन उसके माँ -बाबा को भी गालियां दी हैं। शोभा कभी सहन नहीं करेगी। रमेश तो सुबह ही खेत पर चला जाता है। पानी जो लगना है। घर पर जीजी और रानी कलेश मचा रही हैं। 

शोभा की सहेली आनंदी है जो ,बगल वाले घर में ही रहती है। शाम होते ही शोभा लोटा लेकर आ गई है ,आनंदी भी आ जाती है। दोनो चार -पांच खेत दूर चली जाती हैं ,रमेश काम कर रहा है ,खेत की मेढ़ का सहारा लेकर दोनो सहेलियां अमरुद कहती हैं जो आनंदी तोड़कर लाइ थी। तभी आनंदी बोलती है अब ,बता तेरी सास और ननद क्यों चिल्ला रही थीं ? क्या बताऊँ ,तेरे बाबा ने गैस ना दी ,कार न दी ,तेरे बाबा ने पंखा न दिया। हर समय रोती ही रहती हैं। रमेश भी उन्ही की  बोलता है। 

रानी को क्या पड़ी ? उसे तो अपनी ससुराल जाना है फिर क्यों बोलती है ? तू शांत रहा कर शोभा , रमेश तो एक दिन समझ जायेगा ,हम सब इनका तमाशा देखेंगे। अपना जी न जलाया कर ,खुश रह। ज्यादा तंग करें तो ताऊ से बोल देना। अपने घरों में बहुएं ससुर से बात ही नहीं कर पातीं। तू अमरुद खा ,तेरा झंझट अब ख़तम ही समझ। मेढ़ के बीच में बहते पानी से ही मुंह हाथ धोकर दोनो घर चली गईं। 

कुछ महीनों बाद आनंदी और शोभा खेत की मेढ़ की ओट में हरे चने खा रही थीं। आनंदी !! मैंने कभी न चाहा कि रानी घर वापस आ जाय। अपने कर्मों से वो माँ के पास आ गई है। उसकी सास को गाड़ी ,ए सी सब चाहिए। अब ,पता चला बहु के लिए रार करने पर क्या होता है ? रमेश तो अब ,समझ गया है। ताऊ को पता चला तो ,उन्होंने जीजी और रमेश को फटकार लगाईं थी। अब ,जीजी भी सुधर गई है। शोभा मैंने कहा था न कि एक दिन सब ठीक हो जायेगा।

रानी को अब ,भी समझ नहीं आई है ,उसका पति शहर में काम करता है फिर भी ,बाबली है। कह रही थी कि श्याम शहर में रहना चाहता है। घर देख रहा है जब ,मिल जायेगा तब ,जाएगी। उसकी सास मानी तो ठीक ,नहीं तो गांव कभी न जाएगी। ईश्वर करे सब ठीक हो ,हाँ आनंदी ! तू न होती तो ,मैं क्या करती ? अरे ! ऐसे न बोल। मैं भी तो ,दूसरे गांव से आई हूँ यहाँ। हम सहेली हैं ,कभी भी मेरी जरुरत हो तो ,बताना। हाँ ,तू भी। शोभा गर्भ से है ,रानी शहर जाने की तैयारी कर रही है। अब ,जीजी बदल गई है ,शोभा का ध्यान रखती है। 

रेनू शर्मा  
































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