पुराना हिसाब
जस्सो आज कुछ थकी हुई लग रही है वरना कभी ,दुखी नहीं रहती।सुबह घर में घुसते ही तहलका मचा देती है ,मौसी उठो , बिस्तर छोडो। फिर मत कहना -मरी बिस्तर छोड़ गई। भैया !! क्या खाओगे बताओ ? अंकल आपके लिए चाय बनाई है ,बाहर बैठो। आप भी जाओ मौसी ,जरा सफाई करलूं तब ,अंदर आना। जस्सो के आने पर ही ये सब ,होता है।
लोग कहते हैं कि सुबह उठकर भगवन का दर्शन करो ,हमें तो जस्सो का मुंह देखना पड़ता है। कई बार सोचा बाहर जाकर घूम लूँ लेकिन हो नहीं पाता। लपककर चाय दे जाती है ,अनु को उठाकर स्कूल के लिए तैयार करती है ,टिफिन लगाती है। सुबह से घर पर यही ,भगदड़ मची है। शाम को ही सभी तैयारी करदी जाती है। बर्तन ,झाड़ू ,कपडे करके जस्सो चली जाती है ,कई घरों में यही काम करती है ,उसके चेहरे पर जरा भी सिकन नहीं दिखती है।हम अभी आराम करते रहते हैं घंटी बज जाती है। आते ही, मौसी !!पराठा सेक दूँ ? पूजा बाद में कर लेना। मौसी समझ जाती है इसे भूख लगी होगी। चल ,सेक ले। अंकल गए क्या ? हाँ गए। रसोई के फर्श पर पैर पसारकर बैठ जाती है मौसी ! चटनी ,कुछ अचार दो न मौसी। बिना पूछे चाय बनाएगी और देकर चली जाएगी।
जब अनु के दोस्त शाम को पढ़ने आते हैं तब ,मौसी फोन करती है -जस्सो आजा ,जरा काम है। तुरंत आ जाती है। पास ही झुग्गी में रहती है। बच्चों को खाना खिलाकर चली जाती है। मौसी सोचती है जस्सो थकती क्यों नहीं। कभी भी बिना पूछे एक दाना भी नहीं छूती। जब ,जरुरत होती है तब ,उधार मांग लेती है। कुछ दिन पहले उसकी माँ आई थी ,मौसी ! एक हजार दो ,बहन को शगुन देना है। वापस कर दूंगी। चल हट , कुछ भी मत बोल।
उसका मिजाज कुछ उखड़ा हुआ है ,मौसी पांच हजार रुपया देदो ,क्यों अभी तो दिए थे ,इतना कमाती है कहाँ ,करती है सारा पैसा ? अरे ! क्या बताऊँ मौसी ! पति का कभी काम चलता है ,कभी नहीं चलता। मौसी ! जब ब्याह होकर आई थी तब ,सास के पास दो औरतें आईं थीं ,लड़ रहीं थीं। बाद में पूछा तो ,बताया घर के लिए ससुर ने उधार लिया था ,दो लाख रूपये। वो सब ,मुझे ही चुकाने पड रहे रहे हैं। एक दिन पुलिस घर आ गई कि बैंक से भी एक लाख का लोन लिया था। अभी चार हजार रूपये महीना चुका रही हूँ। चार साल तक देने हैं।
घर देखना पड़ता है ,बिजली ,पानी ,का भी देखना पड़ता है। मौसी हमारे घरों में बड़ी बहन को छोटों के लिए ब्याह का बड़ा शगुन देना होता है। छोटी बहन के लिए कह दिया वाशिंग मशीन दूंगी। तो ,अब क्या करूँ ? पति उल्टा मुझसे ही पैसे मांगता है। जरुरत पड़ेगी तब ,मेरे भाई -बहन भी करेंगे मेरे लिए लेकिन किसी का भरोसा नहीं। कोरोना अभी निकलकर गया है ,सभी लोग विरक्त हो गए हैं। जस्सो अभी तक ,पुराना हिसाब चुकता कर रही है। मौसी क्या करती ,आँखों की नमीं को पोंछती हुई अंदर गई और जस्सो के हाथपर पैसे लाकर रख दिए।
रेनू शर्मा
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