कैसे कोई
कैसे कोई खुद से ,
झूंठ बोलता है ?चाही
अनचाही बातों में ,
खुद ही उलझता है।
सोचता है ,सुलझ रहा हूँ
पर ,हर पल मकड़ी सा
जाल बनता है ,खुद ही
फंसता है ,ये कैसा सच है ?
रेनू शर्मा
झूंठ बोलता है ?चाही
अनचाही बातों में ,
खुद ही उलझता है।
सोचता है ,सुलझ रहा हूँ
पर ,हर पल मकड़ी सा
जाल बनता है ,खुद ही
फंसता है ,ये कैसा सच है ?
रेनू शर्मा
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