Saturday, June 15, 2024

कैसे कोई 

  कैसे कोई खुद से ,
झूंठ बोलता है ?चाही 
अनचाही बातों में ,
खुद ही उलझता है। 
सोचता है ,सुलझ रहा हूँ 
पर ,हर पल मकड़ी सा 
जाल बनता है ,खुद ही 
फंसता है ,ये कैसा सच है ?
रेनू शर्मा 




 

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