सूक्ष्मता
सूक्ष्म से विराट या विराट से सूक्ष्म ,
विराटता को पहने ,ओढ़े ,लपेटे
विराट में समाये ,
भव्यता के ओज से दीप्त
अखंड तेज से आलोकित ,
उन्हें !!पल -पल सूक्ष्म बन
अपनों के रोम -रोम में ,
बसते देखा ,दृष्टि घेरे से
ओझल ,उन्हें !!पुन :
दृष्टि पटल पर स्थापित देखा।
अधखिली कलियों से सुबासित ,
शिष्य वाटिका के मध्य उन्हें !!
सुगन्धित पुष्प सा महकते देखा।
अणु स्पर्श कर ,नाद का भान
कराने वाले उन्हें !! यहाँ -वहां
कदम ताल करते देखा।
अवर्णनीय ,अकल्पनीय ,अविस्मरणीय
मधुरबेला में उन्हें !!मस्त देखा।
रेनू शर्मा
विराटता को पहने ,ओढ़े ,लपेटे
विराट में समाये ,
भव्यता के ओज से दीप्त
अखंड तेज से आलोकित ,
उन्हें !!पल -पल सूक्ष्म बन
अपनों के रोम -रोम में ,
बसते देखा ,दृष्टि घेरे से
ओझल ,उन्हें !!पुन :
दृष्टि पटल पर स्थापित देखा।
अधखिली कलियों से सुबासित ,
शिष्य वाटिका के मध्य उन्हें !!
सुगन्धित पुष्प सा महकते देखा।
अणु स्पर्श कर ,नाद का भान
कराने वाले उन्हें !! यहाँ -वहां
कदम ताल करते देखा।
अवर्णनीय ,अकल्पनीय ,अविस्मरणीय
मधुरबेला में उन्हें !!मस्त देखा।
रेनू शर्मा
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