Saturday, June 15, 2024

सूक्ष्मता  

 सूक्ष्म से विराट या विराट से सूक्ष्म ,
विराटता को पहने ,ओढ़े ,लपेटे 
विराट में समाये ,
भव्यता के ओज से दीप्त 
अखंड तेज से आलोकित ,
उन्हें !!पल -पल सूक्ष्म बन 
अपनों के रोम -रोम में ,
बसते देखा ,दृष्टि घेरे से 
ओझल ,उन्हें !!पुन : 
दृष्टि पटल पर स्थापित देखा। 
अधखिली कलियों से सुबासित ,
शिष्य वाटिका के मध्य उन्हें !!
सुगन्धित पुष्प सा महकते देखा। 
अणु स्पर्श कर ,नाद का भान 
कराने वाले उन्हें !! यहाँ -वहां 
कदम ताल करते देखा। 
अवर्णनीय ,अकल्पनीय ,अविस्मरणीय 
मधुरबेला में उन्हें !!मस्त देखा। 
रेनू शर्मा 
























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