Tuesday, June 18, 2024

बदलाब  

 एक समय था जब ,लक्ष्मी गोबर की डलिया लेजाकर ,कंडे बनाती दो दिन बाद उन्हें पलटती ,सूखने पर ऊपर तीन के नीचे रखकर आती। गाय का काम हरी करता था। बहु घर की रसोई का काम देखती थी बाकी काम सब मिलकर करेंगे। आज तीस बरस बाद कोई भी घर पर जानवर नहीं रखना चाहता। बच्चे शहर में पढ़ते हैं ,वहीँ रहते हैं। घर में अब ,बुजुर्ग ही बचे होते हैं। गांव खाली लगते हैं। पहले पढाई शादी -विवाह तक सीमित थी अब ,नौकरी चाहिए। समय इतना बदल गया है कि लड़के -लड़कियां प्रदेश पढ़ने जा रहे और जॉब भी करते हैं। 

माता -पिता बच्चों से पढाई के लिए इंकार नहीं करते ,रहन -सहन और खाने पीने में भी बदलाव आ गया है। गांव के लोग भी अब ,चाउमीन ,मैगी ,पास्ता ,मोमोस सब कुछ खाने लगे हैं ,छोटे व्यवसाय का रूप भी ले लिया है। हर घर बिजली ,पानी ,सड़क ने सब कुछ आरामदायक बना दिया है। किसी की छत अब ,बरसात में टपकती नहीं है। हर व्यक्ति के पास मोबाईल फोन आ गया है ,इंटरनेट ने तो तहलका मचा दिया है। बच्चे फोन से पढाई भी करते हैं। रील बनाकर फेमस हो रहे हैं। 

बिहार के गांव देखने का मौका मिला ,बिलकुल देसी गांव हैं ,पक्की सड़क है ,बिजली है पर ,कच्चे घर में या पेड़ के नीचे ताश की बाजी चलती रहती है। सरकारी बसें ,गाड़ियां दौड़ती रहती हैं। युवा नहीं दिखाई देते। अधिकांश लोग अधिकारी बनने की होड़ में भाग रहे हैं। प्राचीन धारणाओं से ग्रसित लोग ,जनसँख्या विस्फोट की तरफ ध्यान ही नहीं देते। ऊंच -नीच व्याप्त है। 

भिंड मुरैना से जबसे बेंडिड क़्वीन गई है तब से सब ठीक है।  शांति पहले गांव तक जाने के लिए साधन खोजती थी अब ,चार पहिया गाड़ी दरवाजे पर जाती है। बदलाव के चक्कर में व्यसन भी बढ़ गए हैं।  युवा लोग शराब पार्टी और नशे के लिए अन्य तरीके भी अपनाने लगे हैं। कुछ लोग गेंग बनाकर चोरी करते हैं। जहाँ हम अच्छी बातें सीख रहे हैं वहीँ ,कुछ बदलाव पश्चिम देशो का भी देखने को मिल रहा है। जब ,कोई देसी व्यक्ति प्रदेश में किसी बुजुर्ग को बस या ट्रेन में सीट देने खड़ा हो जाय ,फिर देखो भारतीय को कितना सम्मान मिलता है। अच्छे बदलाव हमेशा व्यक्ति को अच्छा बनाते हैं। 

रेनू शर्मा 

























No comments: