Thursday, June 20, 2024

रिश्ता टूट गया  कुछ बरसों से यह सुनने को मिल रहा है कि अभी तो शादी हुई थी ,दोनों में नहीं पटी और रिश्ता टूट गया। पहले तो ऐसा नहीं था ,कभी कुछ  अन -बन हुई तो ,माता -पिता उन्हें समझा -बुझा कर साथ रहने पर ही जोर डालते थे।दोनो परिवार मिलकर ये काम करते थे ,दम्पत्ति खुश रहते थे। आज लड़का लड़की दोनो जॉब करते हैं तो ,सामंजस्य बिठाने में कोताही बरती जाती है। 

हर दिन यही ख़बरें पढ़कर यही लगता है कि युवा पीढ़ी को क्या हुआ है ? तभी फोन की घंटी बज गई ,सरस का फोन था ,बोल रही थी रीना ! मैं आ रही हूँ ,तुम घर पर ही हो न ,अपना काम ख़तम करो फिर मत कहना ,अभी कपडे धोने हैं। रीना ,मैं भिंडी की सब्जी बनाकर लाऊंगी बाकि तुम देख लेना। फोन रखकर रीना काम देखने लगी ,ये लड़की भी अजीब है। अभी तो सब काम बिखरा पड़ा है ,सोफे में बैठ गई। ओ ! मुनिया !! चाय पिला जरा ,आंधी आ रही है ,चल काम पर लग जा। जी मेडम। 

आप नहा लो मैडम ,मैं ,सफाई कर लेती हूँ फिर बताइये क्या बनाना है ? मुनिया अपना काम करने लगी। क्या सब्जी है अपने पास ,अभी साब को आलू सब्जी पराठा दही दिया है ,गुड़िया गोभी आलू ,पराठा ले गई अब ,बताओ क्या बना दूँ ? बैंगन काट दूँ ,हाँ और सुन मिस्सा आता गूंधना। रीना अभी दिया भी नहीं जला पाई थी दरवाजे की घंटी बज गई। एक छरहरी सी काया भीतर प्रवेश कर रही थी। मुनिया ने बैठने का इशारा किया तब ,तक रीना आ गई ,झट से गले लग गई। रीना !! मैं बहुत परेशान हूँ ,चल बैठ जा। मुनिया जा चाय पीला। 

हाँ अब ,बता क्या हुआ ? यार ! अभी चार महीने पहले  छोटी बहन की शादी हुई थी ,रात को फोन किया तो बोली -मैं ,प्रणव से तलाक लेना चाहती हूँ। माँ -बाबा को मत बताना ,मैं ,अब उसके साथ नहीं रह सकती। क्या बताया उसने ? शादी के बाद घूमने भी गए थे ,अभी अंडमान रहकर आये हैं। खर्चे के लिए लड़का बहस करता है ,उसे लगता है घर लड़की चलाये ,लड़का पार्टी करने का शौक़ीन है। सीमा से बात नहीं करता। छुट्टी में भी घर पर सोता रहता है। अपने घर फोन करता है सीमा से छिपकर। चल ठीक है चाय पी। 

हद हो गई यार !! ऐसा लगता है कि हम लोगों ने बच्चों को ज्यादा आजादी दे रखी है या बच्चे रिश्तों की अहमियत नहीं समझते। उन्हें सुलझाने के बजाय उलझा रहे हैं। सीमा तो उसके साथ सगाई के बाद भी घूमती थी। हाँ ,तब ठीक रहता था। सीमा ऑफिस जाने लगी है ,प्रणव भी जाता है। लेकिन क्या सच ,क्या झूंठ ,क्या पता। रिश्ता तो टूट ही रहा है। मुनिया को घर जाना था तो चली गई ,मैडम !! खाना लगा दूँ ,हाँ चल। 

सरस ने दो घंटे तक बोलकर अपना मन हल्का कर लिया। खाना खाकर सरस चली गई। घर व्यवस्थित कर रीना सोचने लगी सीमा भी कुछ करती होगी ,क्या लड़का ही गलत है। हो सकता है कि प्रणव के माता -पिता भी दोषी हों ? घर तो मिलबांटकर चलाना पड़ेगा। कुछ भी हो ,एक रिश्ता टूट रहा है ,यह ठीक नहीं है। विश्वास ,भरोसे और प्यार से ही कोई रिश्ता आगे तक जाता है। 

रेनू शर्मा 








































       

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