टुन्नी
हम लोग करीब एक महीने से लगातार अपने घर में ही रह रहे हैं ,कहीं घूमने नहीं गए ,जब घर में रहो तो ,छोटे -छोटे दसियों काम निकलते रहते हैं जैसे -चींटियों ने छेद कर लिए ,कहीं से सीमेंट निकल गया ,आरो खराब हो गया कभी कुछ। कभी कारपेंटर को बुला लिया भाई! दो चौकी बना दे ,कभी दरवाजे के हेंडिल बदलवा दिए। एक लड़की काम करने आती थी उसे अंग्रेजी पढ़ने की कोशिश की ,पैन डायरी लाकर दिया भी लेकिन अधिक समय तक निरंतरता नहीं रह पाई।
अभी दरवाजा बंद ही किया था कि घंटी बज गई ,एक पतली दुबली सी लड़की सीधे अंदर ही आ गई और हर हाल में काम पाना चाह रही थी ,अभी हमारी बात चल ही रही थी कि एक और
लड़की दरवाजे पर खड़ी दिखी ,जो मुझसे बात कर रही थी वो ,दुखी हो गई उसे लगा अब ,मेरा काम तो गया। कहने लगी आप जो दोगी हम तैयार हैं। तभी बाहर से आवाज आई -कहाँ से काम करोगी ? ऊपर नीचे का काम करती हो ,उसी समय में मेडम को भी काम चहियेगा ,तब क्या करोगी ?हवा में उड़ोगी।
बाहर वाली लड़की ने अपना नाम टुन्नी बताया ,मेरी कुछ समझ नहीं आया ,पति उसका फोन नंबर लिख रहे थे। साब ! आप जब कहोगे मैं ,आ जाउंगी ,कभी छुट्टी भी नहीं करुँगी। अब ,मेरी हालत दुबिधा में थी क्या करूँ ?जो अंदर कड़ी थी उसका भी नंबर लिया और कहा -कल बताती हूँ। उन दोनो लड़कियों को पता था कि हम लोग पंद्रह दिन यहाँ रहेंगे फिर भोपाल चले जायेंगे। पैसे पूरे मिल जायेंगे।
टुन्नी कह कर गई थी बारह बजे कल आएगी ,सारा काम अच्छे से किया ,मैं ,चाय बना रही थी पूछा तुम लोगी तो ,हाँ बोला ,मैं अभी सोफे पर बैठ गई थी। मेरे पास अपनी चाय लेकर आई और नीचे बैठ गई। आंटी मैं ,घर जैसा काम करती हूँ ,आप चिंता नहीं करना अपने प्रति कुछ आश्वस्त करती हुई काम पर लग गई। मैंने पूछा -कितने बच्चे हैं तुम्हारे पास ,तीन हैं ऑन्टी ,सब पढ़ने जाते हैं। पति मिस्त्री है ,बच्चों को पता है माँ ,काम करती है यदि नहीं गई तो ,खाना नहीं मिलेगा।
मैंने पूछा -तुम्हारा नाम टुन्नी किसने रखा ?तो ,हँसते हुए बोली माँ ने ,मुझे अच्छा लगा कि वह अपने नाम का मतलब नहीं जानती लेकिन खुश है। लेकिन मैं ,तुम्हें मुन्नी कहूं तो चलेगा ?हाँ क्यों नहीं ,आप कुछ भी कहिये। आंटी !झाड़ू लाना पड़ेगा ,हाँ तो लाओ ,उसे सौ रूपये दे दिए। मेरे आस -पास लोगों की भीड़ नहीं है ,दोस्त हैं लेकिन गिने -चुने ,बच्चे दोस्तों से भी दूर रहते हैं। रंग -बिरंगे पैन ,डायरी और शब्दों का जाल ही मेरी सहेलियां हैं। अब ,ये टुन्नी रोज आकर मेरे हाल -चाल पूछती है ,चाय पिलाती है कभी खाना गरम खिलाकर जाती है। नई दोस्त है।
रेनू शर्मा
No comments:
Post a Comment