शहीद की माँ
माँ ,से नजरें मिलीं
तो ,कम्पित हो रहीं थीं
उसकी पलकें ,
मेरे ललाट को ,
एकटक निहार रहीं थीं।
उसका कलेजा फटा जा
रहा था ,होंठ लरज रहे थे ,
उँगलियाँ काँप रही थीं।
ठन्डे नाजुक हाथों से ,
मुझे सीने में छुपा लिया।
उसकी धड़कन बेकाबू थी ,
पिंजरे के पंछी सी माँ
फड़फड़ा रही थी।
फिर भी ,मेरी पेशानी
चूमते हुए बोली -बेटा
जल्दी आना ,माँ के
क़दमों पर ,मंदिर की देहरी
समझ झुक गया ,
तू !! झुक मत ,उठ वीर !!
मेरे सीने में समाया है ,
तुझसे ही मेरी दृष्टि
रोशन है ,धरती का लाल ,
भूदेवी को प्रणाम कर।
अश्रु बनकर माँ ,मुझसे
प्रवाहित हो रही थी।
प्रकम्पित दीये की लौ सी ,
माँ ,मेरी आँखों में
बंद हो गई।
रेनू शर्मा
तो ,कम्पित हो रहीं थीं
उसकी पलकें ,
मेरे ललाट को ,
एकटक निहार रहीं थीं।
उसका कलेजा फटा जा
रहा था ,होंठ लरज रहे थे ,
उँगलियाँ काँप रही थीं।
ठन्डे नाजुक हाथों से ,
मुझे सीने में छुपा लिया।
उसकी धड़कन बेकाबू थी ,
पिंजरे के पंछी सी माँ
फड़फड़ा रही थी।
फिर भी ,मेरी पेशानी
चूमते हुए बोली -बेटा
जल्दी आना ,माँ के
क़दमों पर ,मंदिर की देहरी
समझ झुक गया ,
तू !! झुक मत ,उठ वीर !!
मेरे सीने में समाया है ,
तुझसे ही मेरी दृष्टि
रोशन है ,धरती का लाल ,
भूदेवी को प्रणाम कर।
अश्रु बनकर माँ ,मुझसे
प्रवाहित हो रही थी।
प्रकम्पित दीये की लौ सी ,
माँ ,मेरी आँखों में
बंद हो गई।
रेनू शर्मा
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