Thursday, May 30, 2024

 फौजी की वापसी   माँ जब से फ़ौज में गया हूँ तेरे हाथ की रोटी याद आती है ,क्यों वहां रोटी नहीं मिलती क्या ? मिलती है पर माँ ,हजारों रोटियों में तेरे स्वाद की कमी रहती है। ऐसी बातें तो हर फौजी अपनी माँ से करता होगा। चल हट ,तुझे पता है ?गिरीश अपनी माँ को खेत पर ले जाकर बन्दूक चलाना सिखाता है ,खेत की मैढ़ ही लक्ष्य बन जाती है। कंधे का सहारा लेकर लक्ष्य साधना सिखाता है। 

वैदेही जब छोटी थी तब ,उसके गांव में डकैत आ जाते थे। रात में जोड़ों के टा पों की आवाजें आतीं थीं ,जिस घर के सामने रुक गए ,वहां की औरतें ,बेटियां ,बच्चे सब भुस की ढेर में छिप जाते थे। दिन भर खेत पर काम करने वालों की रातें जागते हुए कटती थीं। इसलिए भी बेटियां सयानी होते ही ब्याह दी जाती थीं। वैदेही के दादा भी बन्दूक लाये थे पर जब तक ,सीखती तब तक ,गौना हो गया। रामजी प्रधान के घर बहु बनकर आ गई। 

यहाँ तो डकैत जीप लेकर आते ,गांव के बाहर खड़ी करके ,गलियों में घूमते थे।  किसी से रुपया -पैसा ,किसी से अनाज ,किसी की बिटिया उठाई और गायब हो जाते। किसान की जिंदगी कभी अच्छी नहीं रही। फसल का सौदा हुआ नहीं कि चोर -डकैत शुरू हो जाते। राम जी ने ट्रेक्टर खरीद लिया कि सभी किसानों की मदद होगी लेकिन एक रात खेत पर ही डकैतों ने घेर लिया। सबसे पहले कुत्ते को गोली मारी और फिर राम जी से पूछा -पैसा कहाँ है ? नहीं बताया तो गोली मार दी। बगल के खेतों पर जो लोग सोये थे जाग गए लेकिन कोई  हिम्मत नहीं कर सका कि सामने आये ,राम जी तो चले गए। 

थोड़ी देर बाद किसने चिल्लाया तब तक डकैत भाग गए। हथियार होते हुए भी कुछ नहीं हो सका। गांव के लोग पुलिस थाने जाकर गार्ड के लिए बोलकर आये पर कुछ नहीं हुआ। दो बेटों ने खेत का काम संभाल लिया। गिरीश को शहर पढ़ने भेजा और फ़ौज में चला गया। बड़े होकर उसे पता चला कि उसके पिता को किसने मारा। उसने गांव के युवा लड़कों को प्रशिक्षण देना शुरू किया ,सभी को  हथियार चलाना सिखा दिया। 

जब भी छुट्टियों में गांव आता ,घर में कम ,खेतों पर अधिक समय निकल जाता। सभी लोग मिलकर क्रिकेट खेलते ,कब्बडी खेलते ,गांव में अब ,गिरीश की फ़ौज तैयार हो गई। युवा लोग रात में गांव का पहरा देते हैं। जब लोग खेतों से सीटी बजाते हैं तब ,सीटी की आवाज गांव से भी जाती है। इस बार सरकार भरती करेगी तो अपना गांव फौजी की टुकड़ी बन जायेगा। राम जी का बलिदान इस रूप में सामने आया कि हर घर में फौजी पैदा हो गया। अब चोर डकैत झांक भी नहीं सकते। आस -पास के गांव के जवान भी गिरीश के लौटने का इन्तजार करते हैं। 

रेनू शर्मा 
































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