Sunday, January 7, 2024

पॉकेट मनी  

सावित्री अभी अलमारी में खुले पैसे रखकर गई थी और थोड़ी देर बाद जरुरत पड़ी तो पैसे गायब थे। एक दो दिन बाद फिर वही हुआ ,समझ नहीं आ रहा था कौन ऐसा कर रहा है ? देवी ऐसा नहीं कर सकती ,राहुल करता है क्या ?तभी सावित्री ने सोचा -आज देखती हूँ ,पैसे रखकर सावित्री बाहर आ गई ,राहुल गया ,सावित्री छुपकर देख रही थी ,राहुल ने पैसे उठाकर गुल्लक में डाल दिए और पढ़ने लगा। थोड़ी देर बाद सावित्री ने पैसों की बात की ,माँ मैंने गुल्लक में डाले हैं ,खर्च नहीं करता। लेकिन बेटा मुझे बताना तो चाहिए ,हाँ माँ !! सॉरी, आप देवी को मत बोलना। अगर तुम्हें जरुरत है तो मुझे बताओ ,मैं दुंगी। माँ ,अब नहीं करूँगा। 

दूसरे दिन बच्चे बैठक में आ गए तब ,सावित्री ने बच्चों से प्रश्न किया ? कितने बच्चे हैं जिन्हें पॉकेट मनी मिलता है ,यानि जेब खर्च। एक दो को छोड़कर सभी बच्चों ने हाथ उठा दिया। क्या खाते हो ? या किस काम पर खर्च करते हो ? किसी को कम तो किसी को ज्यादा पैसे मिलते हैं। बांसुरी ने बताया वो जेब खर्च ,गरीब बच्चों को किताबें देने पर करती है। सलीम ने बताया वो भी दोस्तों की सहायता करता है। सीमा और निशा ने बताया वे लोग चाट खाते  हैं। तुम बताओ राहुल -क्या करते हो जेब खर्च के पैसों का ? मैं ,अपने दोस्त रहीम की फीस भरता हूँ माँ !! शाबास राहुल मुझे गर्व  है तुम पर। अब तुम्हें  अधिक पैसे दिया करुँगी। 

बच्चो तुम लोग बहुत अधिक अच्छा काम करते हो। अपने लिए खर्च करने के बजाय तुम लोग दोस्तों के लिए पढ़ाई का सहारा बनते हो ,बहुत ख़ुशी  है। हम लोग एक संस्था बनाते हैं ,उसमें सभी अपनी इच्छानुसार पैसे डाल सकते हैं ,जब किसी बच्चे को पढ़ाई या किसी अन्य काम के लिए जरुरत होगी तो ,पैसा दिया जायेगा। सलीम को पैसे रखने को बोला गया ,अशोक को किताबें ,पेन ,पैंसिल रखने को बोला ,सीमा को बीमारी में सहायता करने को बोला गया। 

सबसे पहले मौसी ने ही सौ रूपये जमा करा दिए। एक हफ्ते में ही संस्था के रूपये एक हजार पार हो गए। राहुल खुश था क्योंकि माँ ने किसी को नहीं बताया राहुल क्या करता था। मौसी !! कल सड़क पर एक साईकिल वाले अंकल का पाँव चेन में आ गया तो ,हम लोग उन्हें तुरंत डिस्पैंसरी ले गए ,पट्टी करवाई और संस्था के पैसे से दवा लाकर भैया को दी। बहुत ही नेक काम  बच्चों !! हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए। 
































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