सभ्यता संस्कृति का विस्तार
आज का विषय था ,भारतीय सभ्यता और संस्कृति। सावित्री एक हफ्ते बाद बच्चों के बीच थी। कौन बता सकता है कि सभ्यता क्या है ? संस्कृति क्या है ?देवकी ,ने बताया कि हमारी सभ्यता तो आदिकालीन है। मोहनजोदाड़ो ,हड्डपा से भी पूर्व से है। शाबाश। राहुल ने बताया -मौसी !! हमारी संस्कृति का विकास करने वाले प्राचीन ऋषि -मुनि ,तपस्वी ,योगी आदि लोग हैं। कालू ने बताया -मौसी !! प्राचीन सिद्ध पुरुषों ने वेद ,पुराण ,स्मृतियाँ आदि ग्रंथों में लिपिबद्ध किया है। तुम्हें कैसे पता कालू , मैं ,अपने दादा के साथ एक घंटे अवश्य बैठता हूँ ,वे मुझे बताते हैं। बहुत अच्छे।
बच्चों !! हमेशा अपने घर के बुजुर्ग दादा ,दादी ,नाना ,नानी और अन्य लोगों को समय देना चाहिए। हम उनसे सीखते ही हैं। जब ,बच्चा बोलना शुरू करता है तब ,माँ हमेशा बताती है कि कभी झूंठ नहीं बोलना चाहिए। बड़ों का कहना मानना चाहिए। जीव हत्या मत करो ,किसी को मत सताओ ,सभी धर्म एक हैं ,जाती भेद नहीं करना चाहिए। हमारे ग्रंथों में भी जीवन चक्र ,अक्षर ज्ञान ,धर्म ज्ञान ,शास्त्र ज्ञान ,शस्त्र ज्ञान ,योग ज्ञान ,आध्यात्म ज्ञान आदि का ज्ञान बताया है।
सभ्यता अर्थात मानव जाति का एक समूह में ,नियमों का पालन करते हुए रहना। जैसे -गांव ,नगर या शहर बनाना। घर बनाना ,जीवन यापन की सभी सुविधाओं के साथ रहना। प्राचीन काल में शिकार करना जीवन यापन का एक हिस्सा था। भारतीय संस्कृति है कि अतिथि को हम देव तुल्य मानते हैं। घर पर आया कोई व्यक्ति भूखा नहीं जाएगा। किसी भी प्राणी को सताना नहीं है। जब कोई बुजुर्ग आपके सामने खड़ा हो तो ,युवा को अपना स्थान उनके बैठने के लिए देना चाहिए। बड़ों का सम्मान सर्वोपरि है।
बच्चो !! एक बार फ़्रांस में भारतीय लड़की आकृति ट्रेन से ऑफिस जा रही थी ,तभी एक बुजुर्ग महिला आईं तो ,आकृति ने उठकर अपनी सीट उन्हें बैठने को दी तब ,उनका कहना था क्या आप भारतीय हो ? कितनी बड़ी बात है ,हमारे देश की संस्कृति को यूरोप भी जानता है। सबसे बड़ी बात कि बाहर रहने वाले बच्चे ,हमेशा भारतीय मान का ध्यान रखते हैं। इसलिए बच्चो !! कहीं भी रहो अपनी सभ्यता और संस्कृति का विकास करो तभी हम सभी की जीत है।
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