परीक्षा परिणाम
सती ने आज घर आकर खाना नहीं खाया क्योंकि उसके चार नंबर मैथ्स में कम आये ,रूद्र को कोई फरक नहीं पड़ता कम आये तो ठीक ,अधिक आये तो अच्छा। सावित्री समझा रही है देखो बेटा !! परीक्षा में कम ज्यादा नंबर तो आते ही रहते हैं ,तुम जैसा उत्तर लिखोगे वैसे ही नंबर मिलेंगे। माँ ,मेरे दोस्त चिढ़ाएँगे ,नहीं ऐसा कोई नहीं करेगा। टीचर से बात कर लेंगे चलो खाना खाओ।
सावित्री सोच रही थी कि आज कल बच्चे ,कम नंबर आने पर कितने परेशान हो जाते हैं। जब ,मंथली टैस्ट होते हैं तब भी आधा नंबर कम हो तो टीचर के सामने भीड़ जाते हैं। बच्चों को अपनी लेखनी ,उत्तर ,लिखने का तरीका समझ नहीं आता ,दूसरे बच्चे से बराबरी करने लगते हैं। यह समस्या स्कूली बच्चों में अधिक देखने को मिलती है। आज की चर्चा इसी विषय पर थी।
सती को बुलाया गया ,सभी बच्चे आ गए। बच्चो !! आज का विषय सभी को पता है नंबर कम या ज्यादा। देखो -सभी को पता होना चाहिए कि हम सभी एक दूसरे से भिन्न होते हैं ,तो हमारी किसी भी ज्ञान को ग्रहण करने की शक्ति भी अलग होती है। किसी बच्चे को देर से समझ आता है किसी को जल्दी समझ आता है। जब ,दूसरे दिन टीचर सवाल पूछती है तब ,कितने बच्चे उत्तर देते हैं ? मौसी ! कोई देता है कोई नहीं देता।
इसका मतलब यह हुआ कि जो बच्चे घर जाकर पढ़ते हैं वही सही जवाब देते हैं। उन्हीं के नंबर अच्छे आते हैं। यही बात बोर्ड परीक्षाओं में पता चलती है क्योंकि सभी बच्चे उतना नहीं पढ़ते जितना पढ़ना चाहिए। तो किसी के नंबर कम किसी के ज्यादा होते हैं। लगातार या निरंतर पढाई जो बच्चे नहीं कर पाते ,वही परीक्षा के समय अवसाद में आ जाते हैं। बच्चो ,सिर्फ सोचते रहने से काम नहीं बनता ,आपको पढ़ाई निरंतर चालू रखनी पड़ेगी। जो बच्चे माता -पिता से दूरी बनाकर रखते हैं वे ,गलत रास्ते अपनाते हैं ,कोई नक़ल करता है ,कोई परीक्षा ही नहीं देता ,कोई बीमार पड़ जाता है। जब ,परिणाम आता है तब ,घर से भाग जाते हैं उनको लगता है अब ,मार पड़ेगी। कोई बच्चे तो ,इतने व्याकुल हो जाते हैं कि आत्महत्या जैसा अपराध भी कर डालते हैं। बच्चों !! हर समस्या का समाधान सबके पास होता है ,कोई बात ऐसी नहीं कि हम सुलझा न सकें। जो बच्चे किसी कारण से पास नहीं हो पते तो ,उनको दुबारा परीक्षा देने का मौका मिलता है। मेहनत से कभी हार नहीं मानना चाहिए।
हम सभी का जीवन अनमोल है इसलिए कभी गलत कदम न उठायें। माता -पिता से हमेशा बात करें। सबसे अहम् बात पढ़ाई भी जरुरी तो है ,लेकिन आपका हुनर कोई आपसे छीन नहीं सकता। दुनिया में हजारों ऐसे लोग हुए किसी कारण से पढ़ नहीं पाए लेकिन महान व्यक्ति बने। लोग उनसे प्रेरित होते हैं। कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। हमारे हाथ की पांच उंगलिया भी अलग ही काम करती हैं तो ,अपनी प्रतिभा को पहचाने और आगे बढ़ें।
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