लिखना और बोलना
बच्चों !! आज हम एक अलग विषय पर चर्चा करेंगे क्योंकि राहुल ने स्कूल से आकर बोला -कि हरियाली पर लिखना है। समझ नहीं आ रहा क्या लिखूं ? तो ,आज सारे बच्चों को अलग -अलग विष देती हूँ ,उस पर लिखना है। विषय होंगे -जल ,ज्ञान ,पर्यावरण ,हरियाली ,शिक्षा कवी ,कहानी ,लिख कुछ भी लिखो। जब पढ़ लुंगी ,तब सुधार होगा।
बच्चों को बीस मिनट का समय दिया गया था। सबसे पहले बदरी ने कविता लिखी थी।
जित देखूं उत ,हरो भरो है ,
पेड़ हरे ,घास हरी ,
खेतन की मैढ़ हरी।
हरियाली कूँ ,देख -देख के
अँखियाँ है गईं ,हरी -भरी।
वह भाई ! बद्री बहुत सुन्दर। दस में से सात नंबर मिले। सीमा ने लेख लिखा था ज्ञान शब्द पर ,बहुत अच्छा था। सीमा को आठ नंबर मिले। अहमद ने जल पर कविता लिखी थी।
जल जीवन है ,जल आधार है ,
जल डोर है ,जल अल्लाह का
वरदान है ,जल नहीं तो ,
हम नहीं ,जल कायनात का
स्तम्भ है।
अहमद को आठ नंबर मिले ,बहुत खूब लिखा। नंदनी जी क्या लिख ? पर्यावरण पर लेख लिखा है ,परया वरन का संतुलन बिगड़ने से मौसम बदल रहे हैं ,गर्मी बढ़ रही है ,कहीं सर्दी बढ़ रही है ,ग्लेशियर पिघल रहे हैं ,समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है। कहीं बाड़ आ रही है ,कहीं सूखा पढ़ रहा है। हमें वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए। नंदनी बहुत अच्छा। सभी ने ताली बजाई। नौ नंबर मिले।
बच्चों !! कोई भी विषय जब हम बोलने या लिखने के लिए चुनते हैं ,तब उस विषय पर मनन करना चाहिए अगर शिक्षा पर लिखना है तो ,क्या होती है शिक्षा ,परिभाषा ,विशेषता ,लाभ ,अड़चनें ,सभी पहलुओं पर बारी -बारी से लिखना चाहिए तभी लेख बनेगा। इसी तरह कहानी लिखते समय भी विषय के आस -पास जीवंत पात्रों को चुना जाता है।फिर एक खाका तैयार कर कहानी लिख दी जाती है। हमेशा सकारात्मक अंत के साथ बात ख़तम होनी चाहिए। जो भी हम लिख रहे हैं ,सार्थक होना चाहिए।
धीरे -धीरे विषय में परिपक्वता आ जाती है। हमेशा अच्छे लेखक को पढ़ना चाहिए। बोलते समय शुद्ध बोलना चाहिए। हमारा उच्चारण साफ़ होना चाहिए। बोलकर पढ़ने की आदत होनी चाहिए। क्योंकि किसी भी अभिव्यक्ति को व्यक्त करने का माध्यम पढ़ना भी है। कहाँ रुकना है ,कहाँ विराम लेना है ,कहाँ फुल स्टॉप आना है ,पता होना चाहिए।
वह
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