Sunday, December 24, 2023

पलायन 

आज हरिया सुबह से दुखी बैठा है क्योंकि उसका गांव खाली 

 सा हो गया है ,भाईसाब !! हमारा गांव अब सूना हो गया है ,बच्चे बाहर ही पढ़ना चाहते हैं और जो पढ़ लिए वे ,नौकरी करते हुए ही बाहर ही रहना चाहते हैं। बस ठाकुर साब के घर जवान छोरा है ,जो खेती करता है बाकी सब चले गए। गांव भर में माता -पिता ही बचे हैं। शहर जाएँ सामान लेने तो उसी दिन आना पड़ता है क्योकि कोई है ही नाय घर में। 

तुम ठीक कहते हो हरिया ,हमारी सरकार अब गांव के आस -पास ही कॉलेज बना रही है ,स्कूल बन रहे हैं। हॉस्पिटल बन रहे हैं अब ,चिंता न करो सब यहीं लौटकर आएंगे। शाम को जब बच्चे आ गए तब चर्चा का विषय था पलायन। बच्चों !! बताओ पलायन का मतलब क्या होता है ? फातिमा ने बताया -मौसी !! जो लोग अपनी जगह छोड़कर दूसरी जगह चले जाते हैं उसे पलायन कहते हैं। जैसे -भारत पाकिस्तान बंटवारे के समय। बहुत अच्छा बताया। आज हमारे गांव की स्थिति यह हो गई है कि वहां रहने के लिए ,खेती करने के लिए लोग नहीं हैं। बच्चे शहरों की तरफ जा रहे हैं। किसी को पढ़ना है ,किसी को काम करना है। वहां की चकाचौंध देखकर सब पगला जाते हैं। फिल्म देखना है ,मॉल जाना है। अंग्रेजी स्कूल सबसे बड़ा आकर्षण हैं। कोई बता सकता है इसे रोकने के लिए क्या करें ? कलुआ बोला -हम पढ़ना भी चाहते हैं और काम करना भी ,लेकिन शनिवार और रविवार गांव आकर रह सकते हैं। 

माता -पिता को लगता है ,बच्चा एक बार गया तो नहीं आएगा। घर वीरान हो जाता है ,बुजुर्ग लोग अपने काम दूसरे बच्चों से कराते हैं। यहाँ माता -पिता भी सही हैं और बच्चे भी। मौसी !! यदि सरकार गांव के पास नौकरियां भी ले आये तो अच्छा होगा। तभी पलायन रुक सकता है। सभी को घर में आधुनिक सुविधाएँ चाहिए तो  होना चाहिए ,इसलिए व्यक्ति गांव छोड़ रहे हैं। राहुल अपनी बात कहता जा रहा था ,अंग्रेजी भी पर्तिस्पर्धा का विषय बन रही है। भाषा का ज्ञान भी तो आवश्यक है। सभी ने राहुल का समर्थन किया। 

हरिया को समझाया गया कि कलुआ गांव नहीं छोड़ेगा। शहर गया भी तो आता रहेगा गांव। हमारी समस्याएं विकास और प्रगति के साथ बढ़ती और कम होती रहती हैं। तो बच्चों !! हमेशा माता -पिता का साथ देना। 
































 

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