Saturday, January 28, 2023

देवी पूजन

 फूल वाली फ्राक पहने 

सुबह से ,नहाधोकर 

बालों में ,क्लिप लगाए ,

नंगे पैर ,

एक घर से ,दूसरे घर 

खींची जाती थी ,

राजो !! आओ न ,

माथे पर लाल टीका ,

पैरों पर महावर ,

हाथ पर ,एक टका रखकर 

कन्या , पूजी जाती थी। 

आँगन में दरी बिछाकर ,

थाली में ,पूड़ी -हलवा 

खीर -चना सब 

देवी को चढ़ाया जाता था। 

लम्बा घूँघट डालकर ,

चाची , ढोक लगाती थी। 

चबूतरे पर बैठा काका ,

जय हो मैया की ,

बोलता था। 

आज ,वही काका 

गर्भ में ठहरी ,नातिन को 

लाना नहीं चाहता। 

कैसा देवी पूजन ?

रेनू शर्मा 

































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