माँ ,बाबा ने इस लड़की को सिर चढ़ा लिया है ,सबसे छोटी है न ,पांचवीं तक शिक्षा घर पर हुई है। बाबा से कह दिया मुझे पढ़ना है , करीब दस किलोमीटर दूर कॉलेज है तो , वहां दाखिला ले लिया है। अभी बी.ए. की परीक्षा दी है ,बाबा ने कह दिया घर से पढ़ो। यूँ तो ,कॉलेज की बस घर तक छोड़ने आती थी लेकिन लोग क्या कहेंगे बाबूजी की बेटी अभी पढ़ ही रही है ,शादी नहीं किया। बीबो !! २५ बरस की हो चली ,जाने किस उधेड़ -बुन में लगी रहती है खुद से ही बतियाती रहती है।
गांव भर में कोई सखी सहेली नहीं , भाभियों से पटती नहीं ,काम करना नहीं है। झगड़ा करना सुहाता है ,बाबा भी सोच कर बैठे हैं ,जब लड़की ३० बरस होगी तब शादी का सोचते हैं। बीबो की अपनी समस्याएं हैं ,उन्हें कोई नहीं समझना चाहता। फिर थोड़ा असर दिमाग पर तो होगा ही। बीबो !! जब अकेली होती है जाने क्या सोचती और बोलती रहती है।
वैसे देखा जाय तो घर भरा हुआ है , बच्चे -बड़े सब हैं। अपनी ही दुनिया में रमी रहने वाली बीबो ने एम.ए.हिंदी से कर लिया है। इस पढाई का कोई मतलब नहीं क्योंकि शादी ही एक मात्र कारण है। माँ, कहती रही और एक दिन इस दुनियां को विदा कह गई। बाबा ,अब जाकर सक्रीय हुए हैं। रिश्ता तय हो गया और अचानक बाबा की तबियत बिगड़ गई , कुछ दिन सेवा हुई लेकिन वे भी माँ के पास चले गए। शादी एक साल के लिए आगे टल गई। इस बीच भाइयों ने हिस्से कर लिए बेटियों के लिए कोई हिस्सा नहीं रहा।
बीबो , निहत्थी सी वीराने में खड़ी रह गई। पढ़ -लिखकर भी बीबो वहीँ खड़ी थी जहाँ शीलो , थी। बीबो अपने घर चली गई , सब अच्छा है लेकिन उम्र का फासला बीबो की नई जिंदगी को बदरंग कर रहा है। सुना है ,एक ही घर में दौनों अलग ही रहते हैं। बच्चा पालने की उम्र अब जा चुकी है। बेटियों की किस्मत अलग तरह की कहानी लिखती है। बीबो , दिन भर अपने हिसाब से उठती है , खाती है और सो रहती है। पति अपनी दुनिया में मस्त हैं। रात के सन्नाटे में कोई नहीं जो पूछ सके कि पानी चाहिए क्या ? बीबो , वख्त की करवटें देख रही है।
रेनू शर्मा
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