गुनी आज स्कूल से आई ,तो बुखार आ रहा था। उसकी माँ , सीता बाजार सब्जी लेने गई थी। गुनी का भाई राहुल घर पर ही था , उसने गुनी को बिस्तर पर लिटाया और पानी पिलाया फिर थर्मामीटर से बुखार के ताप का मान लिया कि कितनी डिग्री बुखार है। बुखार तीन डिग्री था तो , राहुल ने एक कटोरे मै ठंडा पानी लिया और गुनी के माथे पर पट्टी गीली कर रखने लगा। तब तक सीता भी आ चुकी थी देखो , माँ , गुनी को बुखार हुआ है , कोई बात नहीं , अभी ठीक होगा। सीता ने खिड़कियां खोल दीं जिससे शुद्ध हवा घर मै आये। राहुल सब्जी के साथ एक कैरी भी है तुम उसे धोकर उबालने रख दो। सीता ने आमरस बनाया और गुनी को पीला दिया। थोड़ी देर आराम करो सब ठीक होगा।
राहुल माँ से जानना चाहता था कि लू कैसे लग जाती है , हाँ सही सवाल किया है जब शाम को तुम्हारे सारे दोस्त एकत्र होंगे तब इस विषय पर चर्चा करेंगे। देखो पहले रास्तों के दौनों ओर पेड़ होते थे , अभी भी होते हैं लेकिन तब अधिकांश व्यक्ति पैदल हो चलते थे या बैल गाड़ी से जाते थे। घोड़े पर चलते थे या किसी अन्य साधन से जाते थे। आजकल पेड़ों की अँधा धुंध कटाई हो रही है जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। पेड़ों को काटकर नए शहर बनाये जा रहे हैं , गर्मी बढ़ रही है , हम बाहर निकलते हैं तब , गर्मी के कारण पानी पी लेते हैं , तेज गरम हवा चलने पर हमारा शरीर सामंजस्य नहीं कर पाता और शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इसी को लू लगना कहते हैं।
माँ , मुझे अब ठीक लग रहा है , हाँ तुम आराम करो आज शाम को पर्यावरण पर चर्चा होगी। माँ , मुझे भी रहना है वहां। ठीक है। शाम को सभी बच्चे बैठक मै आ चुके हैं। बच्चों !! आज सभी को पता होगा पर्यावरण पर चर्चा होगी। जी मौसी !! रमा बताओ तो वृक्ष हमारे जीवन के लिए क्यों आवश्यक हैं ? वृक्ष हमारी पृथ्वी के लिए उसी प्रकार आवश्यक हैं जिस प्रकार जीवन के लिए जल और हवा जरूरी है। बहुत अच्छे तरीके से बताया। हमीद तुम बताओ - मौसी !! वृक्ष हमें सांस देते हैं , खाद देते हैं। सारे बच्चे जानते होंगे कि वृक्ष हमें दवाइयां भी देते हैं , खाने के लिए फल , मेवे भी देते हैं।
नीम के पेड़ से हम बहुत दवाइयां बनाते हैं। अभी गुनी को लू लग गई तो , कैरी का पना बनाकर उसे पिलाया तो , बुखार ठीक हो गया। हजारों तरह के पेड़ पौधे बहुत सारी औषधि बनाने का काम करते हैं। आयु पूर्ण हो चुके सूखे वृक्ष लकड़ी का सामान बनाने का काम करते हैं। ईंधन बनाया जाता है और हमारे रहने के लिए घर भी बनाये जाते हैं। बच्चो , आपके खेलने के लिए खिलोने भी लकड़ी से बनाये जाते हैं।
मिनी , तुम बताओ हम क्या -क्या काम लकड़ी से करते हैं ? अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़ी का स्तेमाल किया जाता है क्योंकि हमारे ऋषि मुनियों का मानना है कि
अग्नि को मृत देह समर्पित करने से पंचतत्व मै विलीन हो जाती है। अरे वाह !! तुम तो ज्ञानी हो जी। हमारे जीवन मै आने वाली अधिकांश वस्तुएं लकड़ी की ही होती हैं।
अच्छा , बताओ अब हम , वृक्षों को कैसे संरक्षित करें ? गुनी तुम बताओ , हमें घर के आस पास पेड़ पौधे लगाना चाहिए , हरे वृक्षों को काटना नहीं चाहिए। अब्दुल तुम बताओ , मौसी !! जब हम कहीं यात्रा पर जाएँ तब , बीज अपने पास रखें और रास्तों पर , जंगल में बिखरा देना चाहिए। हम लोग हमेशा ऐसा ही करते हैं। अरे वाह , अब्दुल !! आज का शानदार जवाब अब्दुल का रहा।
बच्चो !! वृक्ष पर्यावरण संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मिटटी का कटाव रोकते हैं। बादलों को रोककर बरसात करवाते हैं। शुद्ध हवा का उत्सर्जन करते हैं। रंग बिरंगे पक्षी भी वृक्षों की डालियों पर अपने घोंसले बनाते हैं। जानवरों को भोजन देते हैं। बच्चे हरियाली देखकर बहुत खुश होते हैं। अब , सारे बच्चे घरों के पास पौधे अवश्य लगाएंगे , जी मौसी।
राहुल माँ से जानना चाहता था कि लू कैसे लग जाती है , हाँ सही सवाल किया है जब शाम को तुम्हारे सारे दोस्त एकत्र होंगे तब इस विषय पर चर्चा करेंगे। देखो पहले रास्तों के दौनों ओर पेड़ होते थे , अभी भी होते हैं लेकिन तब अधिकांश व्यक्ति पैदल हो चलते थे या बैल गाड़ी से जाते थे। घोड़े पर चलते थे या किसी अन्य साधन से जाते थे। आजकल पेड़ों की अँधा धुंध कटाई हो रही है जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। पेड़ों को काटकर नए शहर बनाये जा रहे हैं , गर्मी बढ़ रही है , हम बाहर निकलते हैं तब , गर्मी के कारण पानी पी लेते हैं , तेज गरम हवा चलने पर हमारा शरीर सामंजस्य नहीं कर पाता और शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इसी को लू लगना कहते हैं।
माँ , मुझे अब ठीक लग रहा है , हाँ तुम आराम करो आज शाम को पर्यावरण पर चर्चा होगी। माँ , मुझे भी रहना है वहां। ठीक है। शाम को सभी बच्चे बैठक मै आ चुके हैं। बच्चों !! आज सभी को पता होगा पर्यावरण पर चर्चा होगी। जी मौसी !! रमा बताओ तो वृक्ष हमारे जीवन के लिए क्यों आवश्यक हैं ? वृक्ष हमारी पृथ्वी के लिए उसी प्रकार आवश्यक हैं जिस प्रकार जीवन के लिए जल और हवा जरूरी है। बहुत अच्छे तरीके से बताया। हमीद तुम बताओ - मौसी !! वृक्ष हमें सांस देते हैं , खाद देते हैं। सारे बच्चे जानते होंगे कि वृक्ष हमें दवाइयां भी देते हैं , खाने के लिए फल , मेवे भी देते हैं।
नीम के पेड़ से हम बहुत दवाइयां बनाते हैं। अभी गुनी को लू लग गई तो , कैरी का पना बनाकर उसे पिलाया तो , बुखार ठीक हो गया। हजारों तरह के पेड़ पौधे बहुत सारी औषधि बनाने का काम करते हैं। आयु पूर्ण हो चुके सूखे वृक्ष लकड़ी का सामान बनाने का काम करते हैं। ईंधन बनाया जाता है और हमारे रहने के लिए घर भी बनाये जाते हैं। बच्चो , आपके खेलने के लिए खिलोने भी लकड़ी से बनाये जाते हैं।
मिनी , तुम बताओ हम क्या -क्या काम लकड़ी से करते हैं ? अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़ी का स्तेमाल किया जाता है क्योंकि हमारे ऋषि मुनियों का मानना है कि
अग्नि को मृत देह समर्पित करने से पंचतत्व मै विलीन हो जाती है। अरे वाह !! तुम तो ज्ञानी हो जी। हमारे जीवन मै आने वाली अधिकांश वस्तुएं लकड़ी की ही होती हैं।
अच्छा , बताओ अब हम , वृक्षों को कैसे संरक्षित करें ? गुनी तुम बताओ , हमें घर के आस पास पेड़ पौधे लगाना चाहिए , हरे वृक्षों को काटना नहीं चाहिए। अब्दुल तुम बताओ , मौसी !! जब हम कहीं यात्रा पर जाएँ तब , बीज अपने पास रखें और रास्तों पर , जंगल में बिखरा देना चाहिए। हम लोग हमेशा ऐसा ही करते हैं। अरे वाह , अब्दुल !! आज का शानदार जवाब अब्दुल का रहा।
बच्चो !! वृक्ष पर्यावरण संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मिटटी का कटाव रोकते हैं। बादलों को रोककर बरसात करवाते हैं। शुद्ध हवा का उत्सर्जन करते हैं। रंग बिरंगे पक्षी भी वृक्षों की डालियों पर अपने घोंसले बनाते हैं। जानवरों को भोजन देते हैं। बच्चे हरियाली देखकर बहुत खुश होते हैं। अब , सारे बच्चे घरों के पास पौधे अवश्य लगाएंगे , जी मौसी।
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