माँ , हमारी क्लास मै जो उमा थी न , उसके माँ , बाबा उसका विवाह कर रहे हैं। शीला चौंक गई , क्या ? तुम्हें , कैसे पता ? माँ , वो कल रो रही थी , कह रही थी कि मुझे पढ़ना है। तुम लोगों ने टीचर से क्यों नहीं बताया ? हाँ , बताया। कह रहीं थीं , हम क्या करें ? अरे !! ऐसे कैसे ? कल तुम्हारे स्कूल चलती हूँ , प्रिंसिपल लिली से मिलती हूँ। जाओ खाना खाओ , आराम करो।
शीला , अपने कमरे मै आ गई , सोचने लगी , आज के ज़माने मै भी लोग अपनी बेटियों की शादी इतनी जल्दी करना चाहते हैं। चेतना को फोन लगाया जो शीला की दोस्त है। सुन चेतना ! मौली की क्लास मै एक लड़की है उसके माँ बाबा उसकी शादी अभी करना चाहते हैं। क्या , हम कुछ हस्तक्षेप कर सकते हैं। हाँ ,क्यों नहीं , कल स्कूल चलते हैं वहां प्रिंसिपल से बात करते हैं , अगर वे नहीं मानी तो पुलिस से बात करेंगे।
दौनों बच्चों के स्कूल गईं , एक घंटे इंतजार के बाद मिलने बुलाया गया। शीला ने सारी बात मैडम को बताई , हम चाहते हैं कि आप उमा के माँ ,बाबा से बात करें , उन्हें समझाएं , शायद कुछ समझ आ जाये। आप सही कह रही हैं शीला जी ,हम इस शनिवार को स्कूल बालसभा का आयोजन कर रहे हैं , तभी उमा के माँ बाबा को बुलाया जायेगा , उन्हें समझाया जायेगा। उमा को बुलाया गया , तो वह छुट्टी पर थी।
शनिवार तक मामला टल गया , इस बीच लिली मैम ने उमा के माँ बाबा को स्कूल आने के लिए राजी कर लिया। सारे बच्चे हॉल मै एकत्र थे , बालसभा चल रही थी , शगुन , मंच पर आई और एक कहानी सुनाने लगी। कोई बच्चा कविता सुना रहा था , कोई चुटकुले सुना रहा था , तभी लिली मैम ने कहा , उमा के माँ बाबा , कृपया मंच पर आएं , उन्हें मंच पर बिठाया गया , राधिका टीचर को उसके विचार रखने को कहा गया। पूरे हॉल मै शांति थी राधिका ने भारतीय समाज मै विवाह की सही उम्र १८ वर्ष लड़की और २१ वर्ष लड़के की बताई। बालविवाह समाज के लिए अभिशाप है , यदि कोई माता -पिता अपनी संतान का विवाह कम उम्र मै करते हैं तो उन्हें जेल भी हो सकती है और भारतीय संविधान के अनुसार जुरमाना भी लगाया जा सकता है। आप सभी को एक कहानी सुनती हूँ -
सिया अभी स्कूल पढ़ने जाती थी , अचानक उसके बाबा को लगा कि सिया के हाथ पीले कर देने चाहिए। कुछ समय बाद ३० बरस के युवा के साथ माँ की बिना रजामंदी के सिया का विवाह कर दिया गया। नए घर मै सिया को सहज होने में समय लगा , पति पहले तो पार्टियों में व्यस्त रहा फिर सिया को शारीरिक , मानसिक रूप से परेशां करने लगा। सिया ने सासुजी को सारी बात बताई लेकिन माँ ने जब बेटे को समझाने की कोशिश की तो , बात और बिगड़ गई। पति को लगा माँ , से शिकायत करती है।
सिया को सासु जी अस्पताल लेकर गईं , डॉ ने बहुत सारी हिदायत दे दीं। पति से अलग रहना भी एक समझाइश थी। कुछ समय बाद सिया गर्भबती हो गई , डॉ ,ने कहा - अभी सिया इस लायक नहीं , लेकिन पति ने नहीं सुनी। एक रात असमय पीड़ा होने पर सिया को अस्पताल ले जाया गया , सासु परेशान थी , बेटा !! सिया के माँ बाबा को बता दो , कुछ हो गया तो , पर वही हुआ जिसका दर था। सिया बच्चे सहित इस दुनिया से चली गई। माँ बाबा पछता रहे थे लेकिन अब पछताए होत क्या , जब चिड़िया चुंग गई खेत।
आज , जो भी माता -पिता यहाँ उपस्तिथ हैं उनसे विनम्र निवेदन है कि अपनी बच्चियों का विवाह बाली उम्र में न करें। लिली मैम ने अपनी बात पूरी की बेटियों को पढ़ने दें। सभा समाप्त हो गई , उमा के माँ ,बाबा ने निर्णय लिया कि अब विवाह नहीं करेंगे। उमा पढ़ने आने लगी। स्कूल के वार्षिकोत्सव पर लिली ने शीला और चेतना को भी सम्मानित किया। बच्चों की तालियों से हॉल गूँज गया। शीला नई ऊर्जा के साथ समाज सेवा में लग गई।
शीला , अपने कमरे मै आ गई , सोचने लगी , आज के ज़माने मै भी लोग अपनी बेटियों की शादी इतनी जल्दी करना चाहते हैं। चेतना को फोन लगाया जो शीला की दोस्त है। सुन चेतना ! मौली की क्लास मै एक लड़की है उसके माँ बाबा उसकी शादी अभी करना चाहते हैं। क्या , हम कुछ हस्तक्षेप कर सकते हैं। हाँ ,क्यों नहीं , कल स्कूल चलते हैं वहां प्रिंसिपल से बात करते हैं , अगर वे नहीं मानी तो पुलिस से बात करेंगे।
दौनों बच्चों के स्कूल गईं , एक घंटे इंतजार के बाद मिलने बुलाया गया। शीला ने सारी बात मैडम को बताई , हम चाहते हैं कि आप उमा के माँ ,बाबा से बात करें , उन्हें समझाएं , शायद कुछ समझ आ जाये। आप सही कह रही हैं शीला जी ,हम इस शनिवार को स्कूल बालसभा का आयोजन कर रहे हैं , तभी उमा के माँ बाबा को बुलाया जायेगा , उन्हें समझाया जायेगा। उमा को बुलाया गया , तो वह छुट्टी पर थी।
शनिवार तक मामला टल गया , इस बीच लिली मैम ने उमा के माँ बाबा को स्कूल आने के लिए राजी कर लिया। सारे बच्चे हॉल मै एकत्र थे , बालसभा चल रही थी , शगुन , मंच पर आई और एक कहानी सुनाने लगी। कोई बच्चा कविता सुना रहा था , कोई चुटकुले सुना रहा था , तभी लिली मैम ने कहा , उमा के माँ बाबा , कृपया मंच पर आएं , उन्हें मंच पर बिठाया गया , राधिका टीचर को उसके विचार रखने को कहा गया। पूरे हॉल मै शांति थी राधिका ने भारतीय समाज मै विवाह की सही उम्र १८ वर्ष लड़की और २१ वर्ष लड़के की बताई। बालविवाह समाज के लिए अभिशाप है , यदि कोई माता -पिता अपनी संतान का विवाह कम उम्र मै करते हैं तो उन्हें जेल भी हो सकती है और भारतीय संविधान के अनुसार जुरमाना भी लगाया जा सकता है। आप सभी को एक कहानी सुनती हूँ -
सिया अभी स्कूल पढ़ने जाती थी , अचानक उसके बाबा को लगा कि सिया के हाथ पीले कर देने चाहिए। कुछ समय बाद ३० बरस के युवा के साथ माँ की बिना रजामंदी के सिया का विवाह कर दिया गया। नए घर मै सिया को सहज होने में समय लगा , पति पहले तो पार्टियों में व्यस्त रहा फिर सिया को शारीरिक , मानसिक रूप से परेशां करने लगा। सिया ने सासुजी को सारी बात बताई लेकिन माँ ने जब बेटे को समझाने की कोशिश की तो , बात और बिगड़ गई। पति को लगा माँ , से शिकायत करती है।
सिया को सासु जी अस्पताल लेकर गईं , डॉ ने बहुत सारी हिदायत दे दीं। पति से अलग रहना भी एक समझाइश थी। कुछ समय बाद सिया गर्भबती हो गई , डॉ ,ने कहा - अभी सिया इस लायक नहीं , लेकिन पति ने नहीं सुनी। एक रात असमय पीड़ा होने पर सिया को अस्पताल ले जाया गया , सासु परेशान थी , बेटा !! सिया के माँ बाबा को बता दो , कुछ हो गया तो , पर वही हुआ जिसका दर था। सिया बच्चे सहित इस दुनिया से चली गई। माँ बाबा पछता रहे थे लेकिन अब पछताए होत क्या , जब चिड़िया चुंग गई खेत।
आज , जो भी माता -पिता यहाँ उपस्तिथ हैं उनसे विनम्र निवेदन है कि अपनी बच्चियों का विवाह बाली उम्र में न करें। लिली मैम ने अपनी बात पूरी की बेटियों को पढ़ने दें। सभा समाप्त हो गई , उमा के माँ ,बाबा ने निर्णय लिया कि अब विवाह नहीं करेंगे। उमा पढ़ने आने लगी। स्कूल के वार्षिकोत्सव पर लिली ने शीला और चेतना को भी सम्मानित किया। बच्चों की तालियों से हॉल गूँज गया। शीला नई ऊर्जा के साथ समाज सेवा में लग गई।
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