कहते हैं , सूर्य अपनी धुरी पर घूमता है , सारे ग्रह घूमते हुए उसका चक्कर लगते रहते हैं , अन्तरिक्ष मैं सब कुछ घूमता ही रहता है , दिन रात का चक्र चलता ही जा रहा है ,उसी तरह भगवती भी तडके से जो उठती है , आधी रात को ही बिस्तर देख पाती है , कल आरती कह रही थी उसकी परीक्षा है , शहर जाना पड़ेगा . भागो !! तो एक माँ है इसलिए बच्चों की हाँ से हाँ मिला देती है , आरती से बोल दिया की भाई के साथ जाना लेकिन वो जिद कर रही थी नहीं माँ !! मैं कब तक भैया के पीछे चलूंगी ? मैं , खुद ही चली जाउंगी , और भी तो लड़कियां हैं जो , स्वयं ही आती हैं , माँ , का कलेजा एक पल को मुंह को आ गया , ठीक है बेटी !! चली जाना , पर संभलकर जाना , आज कल सडक पर चलना भी तो दूभर हो गया है .
इस तरह की जिद और युवा मन की आजादी , दोस्तों के साथ घूमना ,आदि बातें आये दिन घर में बहस और झगडा करने लगीं थीं , सुन्दर अभी कॉलेज जाने लगा है , आरती का दूसरा साल चल रहा है , बाबा देर शाम खेत से लौटेंगे , खा पी कर सो रहेंगे ,उन्हें तो चिंता नहीं , बच्चे क्या पढ़ रहे हैं या कौन सी क्लास में हैं , बस यही चाहते हैं कि बिटिया थोडा पढ़ ले तो अच्छे घर में शादी हो जाये , बेटा तो पढ़ भी लेगा तो भी खेती ही देखेगा , लेकिन भागो , चाहती है कि आरती पढ़ ले और अपने पैरों पर खड़ी हो जाये , वो भी जानती है यदि बेटी को कहीं बाहर भेजने की बात आई तो बाबा , कभी नहीं मानेंगे .
भगवती , सब जानती है जब आरती , दोस्तों के साथ नई लगी फिल्म देख कर आती है , फोन पर बात भी तो करती है , सुन्दर तो अपने पिता का पक्का बेटा है , गाँव में ठाकुर शाही करने में ही उसे मजा आता है , गाँव वाले भी खुश रहते हैं , जब शहर से खेती की किताब लाकर सुन्दर सभी को पढ़कर बताता है , कभी फिल्म लाकर सभी को दिखाता है , सबका चहेता बन गया है .
दो बरस की उठापटक कभी की पीछे छूट गई , भागो, आजकल चिंतित रहने लगी है क्योंकि आरती की नौकरी शहर में लग गई है , अभी ६ महीने तक ट्रेनिग रहेगी फिर किसी दूसरे शहर जाना पड़ेगा , बाबा , को पता चलते ही उनकी त्योरियां चढ़ गईं , अरे !! बेटी कहाँ रहेगी , किसके साथ रहेगी ? जा रे ! सुन्दर देख तो कैसी नौकरी है , आज उन्हें लगा कि बेटी की शादी कर देनी चाहिए , लेकिन , कुछ दिन बाद सुन्दर के साथ जाकर भागो , एक गर्ल्स हॉस्टल में आरती को छोड़ कर आ गए ,
भगवती खुश भी थी , साथ ही चिंतित भी थी कहीं , शहर की हवा बेटी को न लग जाये , उसका संदेह कुछ ही दिनों में सामने आने लगा , आरती , हर पन्द्रह दिन में घर से पैसे मांगने लगी , कभी फिल्म देख रही है ,कभी बाहर खाना खा रही है , सुन्दर माँ से लेकर देता रहा , बाबा , बेटी के रिश्ते के लिए लड़के देखने लगे .
अभी तीन महीने ही हुए थे कि भागो , सुन्दर के साथ शहर चली गई , बेटी के चल चलन देखकर उसका माथा ठनक गया , हर बात पर रईसी दिख रही थी , सब कुछ ब्रांड वाली कंपनी का खरीदा सामान , चश्मा ,घडी ,कपडे ,चप्पल पैदल चलने का तो सवाल ही नहीं , माँ , समझती रह गई बेटा !! जरा संभल जा , जमीन पर कदम रख कर चल अगर बाबा को पता चल गया तो कहीं भी शादी कर देंगे और जीवन भर पछताती रहना , नौकरी भी जाएगी सो अलग , लेकिन बेटी तो , नशे में चूर थी , चार महीने में ही नौकरी से निकल दिया गया क्योंकि काम को तव्वज्जो नहीं दी जा रही थी .सुन्दर जाकर आरती को वापस ले आया .
घर आकर पता चला भागो बेटी को अकेली नहीं ली थी , उसका रिश्ता किसी लड़के के साथ जुड़ चूका था , बहुत समझाने का प्रयास किया गया लेकिन कोई असर नहीं दिखा , भागो , उस दिन को कोस रही थी जब बेटी को शहर नौकरी करने के लिए भेजने की जिद कर रही थी , चार महीने के भीतर ही माँ ,बेटी के रिश्ते में दरार आ गई , भागो , टूट गई और हर पल ईश्वर के सामने सुबकती रहती , बाबा , ने रिश्ता तय कर दिया और कह दिया अगर बेटी ने इंकार किया तो , आत्मदाह कर लेंगे , आनन् -फानन में विवाह हो गया , आरती को विदा कर दिया गया , माँ , अब बेटे के लिए चिंतित है , कॉलेज का आखिरी साल है , किसी कंपनी में जॉब भी लग गया है , बाबा , अब खेत से जल्दी घर लौट रहे हैं , बेटे ने कह दिया है माँ !! आप चिंता मत करो में , गाँव में ही रहूँगा खेती का काम देखूंगा , तुम्हें छोड़कर नहीं जाऊंगा , बाबा , ने ठंडी साँस ली और चौपाल की तरफ चले गए .
रेनू शर्मा
इस तरह की जिद और युवा मन की आजादी , दोस्तों के साथ घूमना ,आदि बातें आये दिन घर में बहस और झगडा करने लगीं थीं , सुन्दर अभी कॉलेज जाने लगा है , आरती का दूसरा साल चल रहा है , बाबा देर शाम खेत से लौटेंगे , खा पी कर सो रहेंगे ,उन्हें तो चिंता नहीं , बच्चे क्या पढ़ रहे हैं या कौन सी क्लास में हैं , बस यही चाहते हैं कि बिटिया थोडा पढ़ ले तो अच्छे घर में शादी हो जाये , बेटा तो पढ़ भी लेगा तो भी खेती ही देखेगा , लेकिन भागो , चाहती है कि आरती पढ़ ले और अपने पैरों पर खड़ी हो जाये , वो भी जानती है यदि बेटी को कहीं बाहर भेजने की बात आई तो बाबा , कभी नहीं मानेंगे .
भगवती , सब जानती है जब आरती , दोस्तों के साथ नई लगी फिल्म देख कर आती है , फोन पर बात भी तो करती है , सुन्दर तो अपने पिता का पक्का बेटा है , गाँव में ठाकुर शाही करने में ही उसे मजा आता है , गाँव वाले भी खुश रहते हैं , जब शहर से खेती की किताब लाकर सुन्दर सभी को पढ़कर बताता है , कभी फिल्म लाकर सभी को दिखाता है , सबका चहेता बन गया है .
दो बरस की उठापटक कभी की पीछे छूट गई , भागो, आजकल चिंतित रहने लगी है क्योंकि आरती की नौकरी शहर में लग गई है , अभी ६ महीने तक ट्रेनिग रहेगी फिर किसी दूसरे शहर जाना पड़ेगा , बाबा , को पता चलते ही उनकी त्योरियां चढ़ गईं , अरे !! बेटी कहाँ रहेगी , किसके साथ रहेगी ? जा रे ! सुन्दर देख तो कैसी नौकरी है , आज उन्हें लगा कि बेटी की शादी कर देनी चाहिए , लेकिन , कुछ दिन बाद सुन्दर के साथ जाकर भागो , एक गर्ल्स हॉस्टल में आरती को छोड़ कर आ गए ,
भगवती खुश भी थी , साथ ही चिंतित भी थी कहीं , शहर की हवा बेटी को न लग जाये , उसका संदेह कुछ ही दिनों में सामने आने लगा , आरती , हर पन्द्रह दिन में घर से पैसे मांगने लगी , कभी फिल्म देख रही है ,कभी बाहर खाना खा रही है , सुन्दर माँ से लेकर देता रहा , बाबा , बेटी के रिश्ते के लिए लड़के देखने लगे .
अभी तीन महीने ही हुए थे कि भागो , सुन्दर के साथ शहर चली गई , बेटी के चल चलन देखकर उसका माथा ठनक गया , हर बात पर रईसी दिख रही थी , सब कुछ ब्रांड वाली कंपनी का खरीदा सामान , चश्मा ,घडी ,कपडे ,चप्पल पैदल चलने का तो सवाल ही नहीं , माँ , समझती रह गई बेटा !! जरा संभल जा , जमीन पर कदम रख कर चल अगर बाबा को पता चल गया तो कहीं भी शादी कर देंगे और जीवन भर पछताती रहना , नौकरी भी जाएगी सो अलग , लेकिन बेटी तो , नशे में चूर थी , चार महीने में ही नौकरी से निकल दिया गया क्योंकि काम को तव्वज्जो नहीं दी जा रही थी .सुन्दर जाकर आरती को वापस ले आया .
घर आकर पता चला भागो बेटी को अकेली नहीं ली थी , उसका रिश्ता किसी लड़के के साथ जुड़ चूका था , बहुत समझाने का प्रयास किया गया लेकिन कोई असर नहीं दिखा , भागो , उस दिन को कोस रही थी जब बेटी को शहर नौकरी करने के लिए भेजने की जिद कर रही थी , चार महीने के भीतर ही माँ ,बेटी के रिश्ते में दरार आ गई , भागो , टूट गई और हर पल ईश्वर के सामने सुबकती रहती , बाबा , ने रिश्ता तय कर दिया और कह दिया अगर बेटी ने इंकार किया तो , आत्मदाह कर लेंगे , आनन् -फानन में विवाह हो गया , आरती को विदा कर दिया गया , माँ , अब बेटे के लिए चिंतित है , कॉलेज का आखिरी साल है , किसी कंपनी में जॉब भी लग गया है , बाबा , अब खेत से जल्दी घर लौट रहे हैं , बेटे ने कह दिया है माँ !! आप चिंता मत करो में , गाँव में ही रहूँगा खेती का काम देखूंगा , तुम्हें छोड़कर नहीं जाऊंगा , बाबा , ने ठंडी साँस ली और चौपाल की तरफ चले गए .
रेनू शर्मा
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