चीनू नाम का एक शेर शिकार की खोज मैं भटकता हुआ एक खेत में आ गया और बारिश में फंस गया , अपने को छुपाने के लिए एक किसान की झोंपडी के पीछे छुप गया , आज , रोजी दादी का मिजाज भी ठीक नही था । उसकी झोंपडी भी चू रही थी । वह अपने घर का सामान कभी इधर खिसकती कभी उधर , हर तरफ़ पानी टपक रहा था । उसने एक बड़ा बक्सा खिसका कर दीवार से सताया तो दीवार ही हिल गई , शेर दीवार से सता हुआ ही बैठा था । वह घबरा गया , उसने सोचा कोई भयानक जीव होगा जो आवाज कर रहा है ।
तभी भोला किसान भी घर में आ गया , वह भी थोड़ा नाराज था , उसका गधा कहीं चला गया था । अचानक उसने झोंपडे के बाहर किसी जानवर को बैठे हुए देखा और बोला - ये रहा , दुष्ट!! शेर के पास जाकर चिल्लाया - तुम यहाँ बैठे हो , चलो , एक तमाचा जड़ दिया , कान पकड़कर कहा - चुपचाप चल , नही तो सारी हड्डियाँ तोड़ दूंगा । शेर बहुत डर गया , उसने सोचा यही वह भयंकर जानवर होगा । शेर भोला के पीछे आ गया , बाहर ही एक रस्सी से शेर को बाँध दिया और अन्दर जाकर सो गया ।
सुबह जब भोला की पत्नी रोजी ने बाहर आकर देखा तो चीख पड़ी , भोला दौड़ कर आया , क्या हुआ । पूरा गाँव जुट गया , अब क्या होगा ? शेर भी बुरी तरह डर गया था , उसने रस्सी को दांत से चबा डाला और दहाड़ता हुआ जंगल में भाग गया । कुछ देर बाद भोला ने झोंपडे से झांक कर देखा तो हैरान रह गया , बाहर आकर गाँव वालों को अपनी बहादुरी की कहानी जरा बढाकर बताने लगा ।
क्या तुमने , सचमुच ही शेर को बाँध दिया , बड़ी हिम्मत है । सब लोग भोला से मिलने आते रहे । अरे !! उसको तो लात भी मरी थी । तमाचा भी मारा था , सब लोग भोला की तारीफ करते रहे । बोला मन ही मन सोचता रहा यदि शेर दुबारा आ गया तब क्या होगा ?
अति बहादुरी दिखाना भी हमारे लिए खतरा पैदा कर सकता है ।
रेनू ....
1 comment:
सहि कह रही है आप पर क्या होगा वहि जो मन्जुरे खुदा!!!!
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