Friday, January 12, 2024

होटल की रात 

खाना खाकर हम अपने  रूम में चले गए ,अभी नींद का झोंका शुरू ही हुआ था कि बाहर से कुछ आवाजें आने लगीं ,कोई बाँदा ज्यादा शराब पीकर अपने दोस्तों को गाली दे रहा था। बार -बार दरवाजा बंद करता और खोल देता। बोलने लगता। तभी होटल का कर्मचारी उसे समझा रहा था कि आप रात को आवाज न करें ,बाकी लोग परेशान हो रहे हैं। आप सो जाएँ नहीं तो होटल छोड़ दें। अरे !!क्या बात करता है ?शराबी उसी पर भड़क गया। उसके दोस्त भी समझा रहे थे पर बाँदा माने तब न। माहौल कुछ शांत हुआ तभी जो दोस्त उसे सुलाने अपने रूम से बाहर आया था उसकी चाबी अंदर ही रह गई।फिर से हलचल शुरू हो गई। दूसरे दोस्त बोल रहे थे यार चाबी कौन अंदर छोड़ता है ? शराबी गहरी नींद ले रहा था। 

पति महाशय गहरी नींद ले रहे थे ,जब भी नींद आने को होती कुछ होने लगता ,हमारे बगल वाले रूम में पति -पत्नी थे ,पति शुरू हुआ एक तो घूमने लाओ ऊपर से नाटक दिखाती है। शायद उसने भी पि राखी थी ,तभी कुछ टूटने की आवाज आई ,गिलास होगा। तेरे को क्या नहीं किया ,सब कुछ दिया ,पत्नी उसे नाहक समझने की कोशिश कर रही थी। तभी किसी के गिरने की आवाज आई ,मुझे लगा किसी को बुलाऊँ लेकिन अभी तो इतना नाटक होकर चूका था। धार्मिक स्थलों पर आकर लोग ऐसा क्यों करते हैं ? पत्नी को जलील करने के लिए नए रास्ते और जगहें खोजते हैं। वैसे पत्नी इनकी इज्जत होती है लेकिन पीने के बाद उसी का तमाशा बनाने से नहीं चूकते। होटल की वो रात मेरी नींद उ डा  ले गई। क्या नारी कभी मान -सम्मान के साथ जी पायेगी ?








 








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