जबरिया ब्याह
एलीना जब ग्यारहवीं में आई तभी ,पिता ने गाड़ी दिला दी।उन्होंने सोचा बेटी कॉलेज जाएगी तब ,काम आएगी। जल्दी ही दो पहिया गाड़ी चलाना भी सीख लिया और शहर की उबड़ -खाबड़ सड़कों पर गाड़ी फर्राटे मारने लगी। किसी तरह बारहवीं करने के बाद ,फैशन या पेंटिंग पढ़ने के लिए दूसरे शहर जाने का निश्चय किया। एलीना साधारण लड़की नहीं थी जो बात ,कोई सोच ना पाए वही ,काम कर जाती थी। माँ ,उसे उसकी कला और होशियारी समझती थी। दिल्ली की गलियों में घूमते हुए ही इलियास नाम के बन्दे से एलीना का दोस्ताना हो गया।
दोनो मिलकर काम करने लगे ,फिर पार्टियों में जाने लगे और एक ही घर में साथ रहने लगे। जब ,एलीना घर आती माँ को गिफ्ट दे देती ,कभी पिता को। ब्याह की बात हमेशा टाल जाती।अब तीस बरस की हो गई तो ,लोग भी बोलने लगे ,ब्याह करो। इस बार एलीना जब शहर गई तब ,सोचा इलियास से बात करेगी शादी के बारे में लेकिन उसके ही एक दोस्त से पता चला कि इलियास पहले से शादी शुदा है। एलीना घबरा गई। इस बार घर आई तो ,इलियास साथ आया था। माँ ने भाई को घर बुला लिया। एलीना को कहो ब्याह करे। माँ को पता चल गया था कि दोनो साथ रहते हैं।
सभी ने मिलकर दवाव डाला ,अभी विवाह करो। इलियास मुकर गया किसी तरह भी तैयार नहीं हुआ। उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया। एलीना का रोना -धोना जारी था लेकिन इलियास नहीं माना। रात को इलियास के सामने नए कपडे रख दिए गए लेकिन वो ,नहीं तैयार हुआ। पुलिस को बुलाने की धमकी देने लगा। मुझे जबरदस्ती ब्याह के लिए दवाव डाल रहे हैं। माता -पिता मार -पिटाई पर उतर आये। किसी तरह से चार बजे इलियास वहां से भाग गया। एलीना घर वालों के सामने अपना बाजार लगाकर बिना भाव के बिक गई। जबरिया ब्याह होने से बच गया। एलीना अवसाद में चली गई। दवाई चलती रहीं। एक दिन किसी पुराने मित्र ने आकर साथ दिया। एलीना ठीक हो गई और काम करने लगी।
रेनू शर्मा
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